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गिलोय: फायदे, औषधीय गुण और दुष्प्रभाव (Giloy Ayurvedic Uses, Benefits And Side Effects In Hindi)

Last updated on : 13 Sep, 2024

Read time : 8 min

गिलोय (Giloy), जिसे हिंदी में गुडूची और अमृता के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसका वैज्ञानिक नाम Tinospora cordifolia है। यह एक बेलदार पौधा है जो कि भारत में विशेष रूप से पाया जाता है। गिलोय का उपयोग आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है और इसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है।

गिलोय का महत्व आयुर्वेद में अत्यधिक है क्योंकि यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करती है। इसके तने, पत्ते और जड़ें सभी औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं लेकिन सबसे अधिक उपयोग गिलोय के तने का किया जाता है। गिलोय को आयुर्वेद में ‘रसायन’ के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है और उम्र को बढ़ाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, शरीर की सफाई करने और विभिन्न रोगों से बचाव करने में मदद करता है। गिलोय में विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें रोग-विकारी, सूजन को कम करना एवं बैक्टीरिया को खत्म करने वाले गुण भी होते हैं, जो इसे एक अद्वितीय औषधि बनाते हैं।

गिलोय के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Giloy in Hindi)

गिलोय के कई औषधीय गुण हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बनाते हैं:

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: गिलोय में मौजूद रोग-विकारी और प्रतिरक्षा प्रणाली गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। यह संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। गिलोय का सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है, जिससे बुखार, सर्दी और अन्य संक्रमणों से बचाव होता है।
  • सूजन और दर्द में राहत: गिलोय के सूजन रहित गुण सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। यह गठिया और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करती है। गिलोय का सेवन करने से मांसपेशियों के दर्द और जोड़ों के दर्द में भी कमी आती है।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: गिलोय में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। यह त्वचा की सेहत के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह त्वचा को युवा और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।
  • पाचन तंत्र को सुधारना: गिलोय का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह अपच, गैस, और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देती है। गिलोय का सेवन करने से पाचन एंजाइमों का उत्पादन बढ़ता है, जिससे भोजन का बेहतर पाचन होता है।

गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in Hindi)

गिलोय के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • बुखार और संक्रमण में राहत: गिलोय का सेवन बुखार, डेंगू और मलेरिया जैसे संक्रमणों में राहत प्रदान करता है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। गिलोय के रस का सेवन करने से बुखार के लक्षणों में कमी आती है और शरीर की ऊर्जा स्तर में भी सुधार होता है।
  • पाचन में सुधार: गिलोय पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है जिससे अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देती है जिससे भोजन का बेहतर पाचन होता है। गिलोय का सेवन करने से आंतों की सेहत में सुधार होता है और यह पेट के संक्रमणों से भी बचाती है।
  • रक्त शुद्धिकरण: गिलोय का सेवन रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होती है। गिलोय के सेवन से त्वचा पर होने वाले दाग-धब्बों में कमी आती है और यह त्वचा को स्वस्थ बनाए रखती है।
  • मधुमेह में सहायक: गिलोय में शरीर में अत्यधिक रक्तचाप की मात्रा को नियंत्रित करने वाले गुण रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में भी सहायक होती है। मधुमेह के रोगियों के लिए गिलोय का सेवन एक प्राकृतिक उपचार के रूप में काम कर सकता है।
  • त्वचा की सेहत में सुधार: गिलोय का सेवन त्वचा की सेहत में सुधार लाता है। यह त्वचा को निखारने और चमकदार बनाने में मदद करती है क्योंकि इसमें  एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो कि त्वचा के लिए काफी बेहतरीन माना जाता है।  
  • ऊर्जा स्तर में वृद्धि: गिलोय का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है। यह थकान और कमजोरी को दूर करने में मदद करती है जिससे व्यक्ति अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करता है।

स्वास्थ्य के लिए अन्य लाभदायक जड़ी-बूटियां

“गिलोय के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे बुखार और संक्रमण में राहत, पाचन में सुधार, रक्त शुद्धिकरण, मधुमेह में सहायक, त्वचा की सेहत में सुधार, और ऊर्जा स्तर में वृद्धि। इसके साथ ही, शहद के फायदे भी अद्भुत हैं, जो आपके स्वास्थ्य को और मजबूत बना सकते हैं। इलायची, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है, और भृंगराज, जो बालों और त्वचा के लिए लाभदायक है, भी आपकी सेहत में सुधार ला सकते हैं। इसी तरह, अजवाइन के उपयोग भी स्वास्थ्य को सवस्थ रखने में मदद करते हैं। इन सभी जड़ी-बूटियों का समग्र सेवन आपको प्राकृतिक तरीके से स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।”

गिलोय के नुकसान (Side Effects of Giloy in Hindi)

अगर गिलोय के कई फायदे हैं तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं अगर इसका सेवन उपयुक्त तरीके से नहीं किया जाए तो, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • अत्यधिक सेवन के दुष्प्रभाव: गिलोय का अधिक सेवन पेट में जलन, गैस, और अन्य पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
  • एलर्जी और संवेदनशीलता: कुछ लोगों को गिलोय से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को गिलोय का सेवन करने के बाद त्वचा पर रैशेज या अन्य एलर्जी के लक्षण दिखाई देने लग जाए तो तुरंत इसका सेवन बंद कर देना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी: गर्भवती महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए क्योंकि इसके प्रभावों का पर्याप्त अध्ययन नहीं हुआ है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोनल परिवर्तन होते हैं और गिलोय का सेवन इन पर प्रभाव डाल सकता है।

गिलोय का सेवन कैसे करें (How to Consume Giloy in Hindi)

गिलोय का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है: 

  1. गिलोय जूस: 2-3 चम्मच गिलोय जूस को पानी के साथ मिलाकर दिन में एक या दो बार सेवन करें। यह शरीर से खराब पदार्थ निकालने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
  2. गिलोय चूर्ण: आधा से एक चम्मच गिलोय चूर्ण को गर्म पानी के साथ रात में सोने से पहले लें। यह पाचन में सुधार करने और शरीर को ऊर्जा देने में सहायक होता है।
  3. गिलोय का काढ़ा: 10-20 मिली गिलोय के रस को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो-तीन बार सेवन करें। यह बुखार और संक्रमणों से राहत प्रदान करता है।
  4. गिलोय कैप्सूल: बाजार में गिलोय के कैप्सूल भी उपलब्ध हैं। इन्हें चिकित्सकीय सलाह के अनुसार लिया जा सकता है।
  5. गिलोय की चाय: गिलोय की पत्तियों को उबालकर चाय बनाई जा सकती है। यह एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है।

गिलोय के उपयोग के दौरान सावधानियाँ (Precautions While Using Giloy)

गिलोय का सेवन करते समय आप लोगों को कुछ सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए ताकि ये आपकी सेहत के ऊपर कोई दुष्प्रभाव न डाले। ऐसी कुछ सावधानियाँ ये हो सकती है: 

  • चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता: यदि आप किसी चिकित्सा स्थिति से ग्रस्त हैं या अन्य दवाइयाँ ले रहे हैं तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • अधिक मात्रा से बचें: गिलोय का अत्यधिक सेवन न करें क्योंकि यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  • बच्चों के लिए: बच्चों को गिलोय का सेवन करने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
  • दवाओं के साथ संयोजन: यदि आप अन्य दवाइयाँ ले रहे हैं तो गिलोय का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

गिलोय एक अत्यंत लाभकारी औषधि है जो आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसके सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है, पाचन तंत्र सुधारता है, और कई प्रकार के संक्रमणों से बचाव होता है। लेकिन इसके साथ ही इसके दुष्प्रभावों को भी समझना जरूरी है। संतुलित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के साथ इसका सेवन करने से आप इसके अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, गिलोय का उपयोग करते समय सावधानी और सही मार्गदर्शन का पालन करना आवश्यक है।

गिलोय का सही और संतुलित सेवन हमें स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकता है। इसके औषधीय गुणों के कारण, गिलोय को एक प्राकृतिक उपचार के रूप में देखा जा सकता है जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

इस प्रकार गिलोय का सेवन एक समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण को अपनाने में सहायक है। यह न केवल बीमारियों से लड़ने में मदद करता है बल्कि शरीर को ऊर्जा और ताजगी भी प्रदान करता है। इसलिए गिलोय को अपने दैनिक आहार में शामिल करना एक स्मार्ट और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हो सकता है।

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